भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, देश के अधिकांश हिस्सों में नवंबर का मौसम सामान्य से अधिक गर्म और नम रहने की संभावना है। विभाग ने उन खबरों को भी खारिज किया है जिनमें कहा जा रहा था कि इस बार कड़ाके की ठंड पड़ेगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, IMD के महानिदेशक मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि फिलहाल प्रशांत महासागर के भूमध्य रेखा वाले हिस्से में ‘ला नीना’ की स्थिति बनी हुई है, लेकिन यह काफी कमजोर है। अनुमान है कि यह स्थिति नवंबर और दिसंबर 2025 तक जारी रह सकती है।
मोहापात्रा ने आगे बताया कि विभाग के विश्लेषण के अनुसार, इस साल सर्दी सामान्य रहेगी — यानी बहुत अधिक ठंड पड़ने की संभावना नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ला नीना का असर पुडुचेरी और तमिलनाडु में पड़ सकता है, जिससे नॉर्थ-ईस्ट मॉनसून की बारिश की तीव्रता कुछ कम हो सकती है।
क्या है ला नीना?
ला नीना एक जलवायु संबंधी घटना है, जिसमें प्रशांत महासागर का पानी सामान्य से ठंडा हो जाता है। इसका असर पूरे विश्व के मौसम पर पड़ता है। भारत में आमतौर पर ला नीना के दौरान अच्छी बारिश और ठंडक देखने को मिलती है, लेकिन इस बार यह स्थिति कमज़ोर है। इसलिए भारत में बहुत अधिक ठंड पड़ने की संभावना कम है।
तापमान का रुख
मौसम विभाग के अनुसार, दिन का न्यूनतम तापमान देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से थोड़ा कम रह सकता है। हालांकि, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम, दक्षिणी प्रायद्वीप और हिमालय की तलहटी के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर बाकी जगह यही स्थिति रहेगी।
वहीं, रात का तापमान ज्यादातर इलाकों में सामान्य से ऊपर रहने की उम्मीद है — यानी रातें अपेक्षाकृत गर्म रहेंगी।
फिर भी, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान जैसे इलाकों में रातें ठंडी हो सकती हैं।
नवंबर में बारिश का हाल
दक्षिण भारत में नॉर्थ-ईस्ट मानसून के दौरान नवंबर में सामान्य बारिश की संभावना जताई गई है। लेकिन तमिलनाडु और पुडुचेरी में ला नीना का प्रभाव बारिश की तीव्रता को कुछ घटा सकता है। हालांकि, देश के बाकी अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है।
अक्टूबर की बारिश का रिकॉर्ड
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 पिछले पांच सालों में दूसरा सबसे अधिक बारिश वाला अक्टूबर रहा। इस महीने में कुल 112.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। देशभर में 236 बार बहुत भारी बारिश और 45 बार अत्यधिक भारी वर्षा दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश बिहार, उत्तर बंगाल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में हुई। यह 1901 के बाद 16वां सबसे अधिक वर्षा वाला अक्टूबर रहा।


