जैसे-जैस चुनाव नज़दीक आ रहे है वैसे वैसे वोट चोरी का मुद्दा तूल पकड़ रहा है. राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग को घेर लिया हैं. इस बार उन्होंने सीधा चीफ इलेक्शन ऑफिसर ज्ञानेश कुमार पर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि ज्ञानेश कुमार वोट चोरी करने वालों और लोकतंत्र के हत्यारों को बचा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में टारगेट करके कांग्रेस वोटर के नामों को लिस्ट से डिलीट कराया जा रहा हैं. इतना ही नहीं बल्कि राहुल गाँधी का कहना है कि ये सब कार्यकर्ता के स्तर पर नहीं, बल्कि सेंट्रलाइज्ड मैनर में कॉल सेंटर लेवल पर हो रहा है यानि सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जा रहा है. दोनों राज्यों में उन राज्यों के बाहर के नंबरों का इस्तेमाल करके लोगों के नाम डिलीट किए जा रहे हैं. ये सब कुछ ऐसे किया जा रहा है कि न तो उसको कुछ पता चल रहा है, जिसका नाम डिलीट हुआ और न ही उसको कुछ पता है जिसके नाम से वोट डिलीट हुए.
राहुल गांधी ने आगे आरोप लगाया कि उनके पास 101% सबूत मौजूद हैं कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार लोकतंत्र के हत्यारों को बचा रहे हैं। राहुल का कहना था कि जिन वोटों की चोरी हुई, वे आदिवासियों और गरीबों के थे। अलंद में वोटों को इत्तेफाक से नहीं बल्कि जानबूझकर डिलीट किया गया, और यह गड़बड़ी एक BLO की वजह से सामने आई। दरअसल, BLO के अपने रिश्तेदार का नाम वोटर लिस्ट से हटाया गया था। जब उसने जांच की तो पता चला कि पड़ोसी के कहने पर यह डिलीट किया गया। लेकिन जब उस पड़ोसी से पूछा गया तो उसने पूरी तरह इनकार कर दिया। इसके बाद BLO ने गहराई से छानबीन की और पूरा मामला उजागर हो गया।

राहुल ने उदाहरण दिया और सीरियल नंबर को देखिए, जिसमें हर जगह सीरियल नंबर वन था. सीरियल नंबर वन का मतलब है कि ये व्यक्ति बूथ का पहला वोटर है. एक सॉफ्टवेयर बूथ के पहले नंबर के वोटर को चुन रहा है. जो भी वोटर लिस्ट में पहले नंबर पर आता है वही डिलीट कर रहा है. ये सॉफ्टवेयर से किया जा रहा है, सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कह रहा है कि सीरियल नंबर 1 को निकालो और उसकी ओर से डिलीट करो.

अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने एक व्यक्ति को मंच पर बुलाया। उनके नाम पर मात्र 14 मिनट के भीतर 12 लोगों के वोट डिलीट कर दिए गए थे, जबकि उन्हें इसकी कोई जानकारी तक नहीं थी। इस व्यक्ति, सूर्यकांत गोविना, ने आगे एक और मामला बताया—जहां सिर्फ़ 36 सेकंड में वोट हटाने के लिए दो फॉर्म भर दिए गए। राहुल गांधी ने उन मोबाइल नंबरों की सूची भी दिखाई जिनका इस्तेमाल नाम डिलीट करने में किया गया था, हालांकि इन नंबरों के अंतिम अंक छिपे हुए थे।

राहुल गांधी इससे पहले भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने बीजेपी और चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने उदाहरण देते हुए दावा किया था कि बेंगलुरु सेंट्रल की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर फर्जी नाम शामिल किए गए, जबकि वास्तविक मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए। यही नहीं, चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) प्रक्रिया के दौरान भी धांधली के आरोप सामने आए थे।