आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि उम्र महज एक नंबर है। अगर इंसान कुछ करने की ठान लेता है तो वो किसी भी उम्र में अपने सपनों को पूरा कर सकता है। इस कहावत का जीता जागता उदाहरण हैं। केरल की रहने वाली महिला उद्यमी राधा मनिअम्मा.. आपको बता दें कि राधा मनिअम्मा केरल की एकमात्र ऐसी महिला शख्सियत हैं, जिन्हें ना केवल उनके उद्यमशीलता के लिए जाना जाता है बल्कि 11 ड्राइविंग लाइसेंस रखने की अपनी उपलब्धि के लिए भी वो काफी मशहूर हैं।
राधा मनिअम्मा की कहानी उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो अपने आस-पास मौजूद रुढ़िवादी सोच के कारण जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते हैं। उनकी कहानी दृढ़ संकल्प और अपने सपनों को जीने के जुनून की कहानी है। राधा अम्मा को केरल की महिला हैवी ड्राइवर भी कहा जाता है। जो ना केवल कार और स्कूटर चलाने में माहिर हैं बल्कि वो जेसीबी से लेकर क्रेन जैसी कई भारी-भरकम मशीनों का संचालन आसानी से कर लेती हैं। ड्राइविंग में उनके सफर की शुरूआत उन्होंने भले ही 30 साल की उम्र में की थी। लेकिन आज वो कई पुरुष ड्राइवरों को भी मात दे रही हैं। दरअसल, राधा अम्मा के दिवंगत पति ने उन्हें ड्राइविंग सीखने के लिए प्रोत्साहित किया था।
समय बीतता गया और राधा मनिअम्मा का जुनून इस क्षेत्र में तेजी से बढ़ता गया। जिसके चलते वो 1988 में भारी वाहन चलाने का लाइसेंस प्राप्त करने वाली केरल की पहली महिला बन गईं। हालांकि राधा की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव तब आया, जब 2004 में उनके पति का निधन हो गया। राधा मनिअम्मा और उनके पति द्वारा संचालित किए जा रहे ड्राइविंग स्कूल “ए-जेड ड्राइविंग स्कूल” की सारी जिम्मेदारी उनके पति के निधन के बाद राधा पर आ गई। इस स्कूल को उनके पति ने 1970 में ही स्थापित किया था। जिसका कारभार राधा मनिअम्मा ने अपने बच्चों के साथ बखूबी संभाला।
खास बात ये है कि अपनी ड्राइविंग स्किल्स के अलावा भी राधा मनिअम्मा ने विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल की हुई है। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया है। इसी के साथ उनके प्रयासों और उपलब्धियों के लिए उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा मान्यता भी दी गई है। साथ ही उन्हें “वर्ष 2022 की प्रेरणादायक व्यक्तित्व” का पुरस्कार भी मिला है।