(भारतिका भारत की बात करता है, हम आपको यहां अपने इस विशिष्ट स्तंभ में अयोध्या के श्रीराम मंदिर से जुड़े इतिहास और वर्तमान की हर बारीकियों से अवगत कराएँगे। हर वो छोटी बड़ी जानकारियां देंगे जो आपके लिए जरूरी है। साथ ही हम आपको ये भी भरोसा दिलाते हैं यहां दी गई जानकारियां बड़ी सावधानी और सटीक तरीके से जुटाई गई हैं ।)
क्या आप जानते हैं कि ऐतिहासिक विविधताओँ से भरे भारत में मंदिर निर्माण की कितनी शैलियां हैं। आइए हम आपको बताते हैँ। दरअसल भारत में मंदिर निर्माण की 16 शैलियां हैं जिसमें तीन शैलियां प्रमुख मानी जाती हैँ। उत्तर भारत में नागर शैली, दक्षिण में द्रविड़ शैली और मध्य-पूर्व भारत में पैगोडा शैली। अयोध्या का श्रीराम मंदिर नागर शैली में बनाया गया है। सोमनाथ, स्वामीनारायण और अंबाजी के प्रसिद्ध मंदिर भी इसी शैली में बने हैँ।
आठ दिशाएं, अष्ट भुजाएं और विष्णु के आठ स्वरूपों को ध्यान में रखकर रामलला के गर्भगृह को अष्टकोणीय बनाया गया है। लगभग हर खंभे पर 16-16 मूर्तियां उकेरी गई हैं। मंदिर में ऐसे कुल 250 पिलर हैं। इन नक्काशियों में भगवान श्रीराम के वो 16 गुण नजर आएंगे, जिनकी बदौलत वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। मंदिर में विष्णु के दशावतार, 64 योगिनी, 52 शक्तिपीठ और सूर्य के 12 स्वरूप की मूर्तियां भी उकेरी गई हैं। गर्भगृह इस तरह बनाया है कि भक्तों को 25 फीट दूर से रामलला के दर्शन हो सकें।