गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्यपाल द्वारा नियुक्त 12 विधायकों की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिससे महाविकास अघाड़ी को बड़ा झटका लगा है। यह याचिका शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) के कोल्हापुर शहर अध्यक्ष सुनील मोदी ने दायर की थी। याचिका खारिज होने के बाद सुनील मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का निर्णय लिया है।
याचिका खारिज होने पर प्रतिक्रिया
यह याचिका हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति बोरकर और न्यायमूर्ति उपाध्याय की पीठ के समक्ष दायर की गई थी। याचिका खारिज होने के बाद सुनील मोदी ने कहा कि उन्हें यह समझने की जरूरत है कि यह याचिका किस आधार पर खारिज की गई। उन्होंने बताया, “हमने सुनवाई के दौरान विभिन्न राज्यों के साक्ष्य प्रस्तुत किए थे, लेकिन लगता है कि अदालत ने इन पर विचार नहीं किया।”
बीजेपी पर आरोप
सुनील मोदी ने बीजेपी पर न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में बीजेपी से जुड़े कुछ लोगों का हाथ हो सकता है। उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही।
महायुति को राहत
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद महायुति सरकार द्वारा सात नए विधायकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। महायुति ने पहले ही सात नाम राज्यपाल को भेज दिए हैं और जल्द ही पांच और नामों की घोषणा की जा सकती है।
महाविकास अघाड़ी की रणनीति
महाविकास अघाड़ी ने राज्यपाल द्वारा की गई इन नियुक्तियों का विरोध जारी रखने का फैसला किया है। सुनील मोदी ने स्पष्ट किया कि वे महायुति सरकार द्वारा नियुक्त किए गए विधायकों पर आपत्ति दर्ज कराएंगे।
राजनीतिक विवाद गहराने की संभावना
राज्यपाल द्वारा नियुक्त विधायकों का मुद्दा महाविकास अघाड़ी सरकार के कार्यकाल से ही विवादित रहा है। तत्कालीन राज्यपाल ने नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी थी। अब जब महायुति सरकार ने विधायकों की नियुक्ति शुरू कर दी है, तो इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति फिर से गरमाने के आसार हैं। महाविकास अघाड़ी ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की योजना बनाई है, जिससे यह विवाद और लंबा खिंच सकता है।