कुछ ही महीनों पहले सिनेमा घरों में रिलीज हुई एक फिल्म “12वीं फेल” ने भारत के हर युवा के मन में अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। फिल्म में मुख्य किरदार रहे मनोज कुमार शर्मा की कहानी ने हर किसी का दिल छू लिया। साथ ही आईएएस और आईपीएस बनने का ख्वाब देख रहे देश के लाखों-करोड़ों युवाओं के लिए मिसाल भी पेश की। ऐसे में मनोज की ही तरह आईपीएस नीना सिंह की कहानी और सफलता के चर्चे भी अब हर किसी की जुबां पर हैं, क्योंकि उन्हें हाल ही में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की पहली महिला महानिदेशक नियुक्त किया गया है। आपको बता दें कि सीआईएसएफ का गठन साल 1969 में हुआ था, और ये पहली बार है जब सी आई एस एफ में बतौर महानिदेशक किसी महिला आईपीएस को नियुक्त किया गया हो।
आखिर कौन हैं आईपीएस नीना सिंह ?
11 जुलाई 1964 को बिहार के पटना जिले में जन्मी नीना सिंह 1989 बैच की राजस्थान कैडर की आईपीएस ऑफिसर हैं। उन्होंने एमए तक की पढ़ाई की है। मगर आगे पढ़ने की इच्छा के चलते नीना ने साल 2004 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के केनेडी स्कूल ऑफ़ गवर्नमेंट जाकर फॉरेन स्टडी की। वो दिल्ली में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) में संयुक्त निदेशक के पद पर भी काम कर चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने शीना बोरा हत्याकांड, जिया खान खुदकुशी जैसे कई हाई प्रोफाइल मामलों की भी जांच की।
नीना के बारे में खास बात ये है कि वो डीजी पद पर नियुक्त होने वाली राजस्थान की पहली महिला पुलिस अधिकारी भी हैं। उन्होंने साल 2021 में ये उपलब्धि अपने नाम की थी। इस दौरान उन्होंने बतौर डीजी सिविल राइट्स एंड एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया।
समाज में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों और उनसे जुड़े आरोपों को लेकर भी नीना सिंह ने कई अहम कदम उठाए हैं। जिनमें उनका एक ‘आउटरीच’ कार्यक्रम काफी चर्चा में भी रहा। जिसके तहत महिला आयोग के सदस्यों द्वारा विभिन्न जिलों में जाकर महिलाओं से संपर्क कर उनकी परेशानियों का हल निकाला जाता है। आईपीएस अधिकारी नीना सिंह को उनके काम के लिए प्रेसिडेंट पुलिस मेडल, अति उत्कृष्ट सेवा पदक और पुलिस मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।