केंद्र सरकार बार बार ये हिदायत देती है कि नकली खाद-बीज और कीटनाशकों का व्यापार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के साथ हमेशा खड़े दिखना चाहते हैं जाहिर उनके इन सपनों को अमलीजामा पहनाते हुए पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की लीडरशिप में कई ऐसे फैसले लिए गए जिससे किसानों को राहत मिलती हुई दिखती है लेकिन धरातल पर इसमें कई कमियां हैं।
हम सब जानते हैं कि एक तरफ हर साल किसानों को नकली-मिलावटी खाद-बीज और कीटनाशक दवाओं की वजह से काफी नुकसान होता है साथ ही उन फसलों का उपयोग करने के बाद आम व्यक्ति भी जहरीला भोजन करने को मजबूर होता है। इस समस्या के मद्देनजर कई राज्यों के कृषि विभाग सख्ती बरतनी शुरु की है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ कृषि विभाग ने राज्य में चालू रबी सीजन में किसानों को दिये जाने वाले रासायनिक उर्वरकों, बीज एवं कीटनाशक दवाओं की जाँच बड़े पैमाने पर शुरु कर दी है। कृषि विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी अपने-अपने इलाकों में खाद-बीज विक्रेता संस्थानों से रासायनिक उर्वरक, बीज और कीटनाशक औषधियों के सेम्पल ले रहे हैं, जिसकी जांच गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला में की जा रही है। गुणवत्ता में खराबी मिलने पर संबंधित विक्रेताओं पर कार्यवाही की जा रही है।
छत्तीसगढ़ कृषि विभाग द्वारा रबी सीजन 2023-24 में अब तक जांच पड़ताल में बीज के 37 नमूने, रासायनिक उर्वरक के 03 तथा पौध संरक्षण औषधि के 18 नमूने अमानक पाए गए हैं, जिनके लाट के विक्रय पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने के साथ ही संबंधित फर्मों को कृषि विभाग ने नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है। कृषि विभाग के संयुक्त सचिव श्री के. सी. पैकरा भारतिका से बातचीत में बताया कि चालू रबी सीजन में बीज के 2000 उर्वरक के 700 तथा पौध संरक्षण औषधि के 510 नमूने लिए जाने का लक्ष्य है। दूसरे राज्य भी इसी तरह की तत्परता दिखाएँ तो किसानों के साथ साथ आम लोगों का भी भला हो सकता है।