लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज़ हो चुका है। सब पार्टी और प्रत्याशी अपनी जीत के प्रबल दावे ठोक रहे हैं। एनडीए 400+ का नारा दे रही है तो वहीं विपक्ष इंडी गठबंधन अपनी जीत का दावा ठोक रही है। देश की राजनीति में अगर बिहार की चर्चा ना हो तो 40% राजनीतिक खबरें ही खत्म हो जाएंगी। 40 लोकसभा संसदीय सीट वाले बिहार का भारतीय राजनीति में अपना एक अलग ही रुतबा है।
लेकिन बिहार में भी बात करें, तो अगर किसी लोकसभा सीट को लेकर चर्चा बनी हुई है तो वह पूर्णिया लोकसभा सीट है। जहां दूसरे चरण में 26 अप्रैल को चुनाव होगा। दरअसल, इसके पीछे की कहानी बहुत ही रोमांचक है। 40 सीटों में से राजद 23, कांग्रेस 9, वीआईपी 3, सीपीआई ( ML) 3, सीपीआई 1 और सीपीआई ( मार्किस्ट) 1 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं।
अब बात करते हैं पूर्णिया लोकसभा सीट की, दरअसल, पप्पू यादव ने अपनी पार्टी जाप ( जन अधिकार पार्टी ) का कांग्रेस में विलय कर दिया। बकौल पप्पू यादव, वह इंडी गठबंधन के कांग्रेस की तरफ से पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन सीट शेयरिंग के बाद वह सीट राजद के खाते में चली गई। इस सीट शेयरिंग को लेकर इंडी गठबंधन में काफी विवाद भी हुआ, लेकिन बात नहीं बन पाई। आखिरकार , पप्पू यादव ने भी पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की अपनी दावेदारी ठोक दी। पूर्णिया लोकसभा सीट से इंडी गठबंधन के राजद उम्मीदवार बीमा भारती, एनडीए के जदयू उम्मीदवार संतोष कुशवाहा और निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव के बीच मुकाबला है।
आगामी चुनाव के रिजल्ट बताएंगे कि पूर्णिया के लोगों को किस उम्मीदवार पर ज्यादा भरोसा है। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पप्पू यादव को भारत चुनाव आयोग की तरफ से कैंची छाप चुनाव चिन्ह दिया गया। अब देखना यह है कि कैंची किसी को काटकर अपना सिक्का जमाती है या खुद ही कट जायेगी, यह तो 4 जून के बाद ही पता चलेगा।
कौन है पप्पू यादव, बीमा भारती और संतोष कुशवाहा जिनके बीच है त्रिकोणीय मुकाबला ?
पप्पू यादव :
राजेश रंजन, जिन्हें पप्पू यादव के नाम से जाना जाता है। इनका जन्म 24 दिसंबर 1967 को बिहार के मधेपुरा जिला में हुआ था। पप्पू यादव अपने राजनीतिक जीवन में विधायक और सांसद रह चुके हैं। 2014 के आम चुनाव में पप्पू ने शरद यादव को मधेपुरा लोकसभा सीट से हराया था। उन्होंने 1990 में सिंहेश्वर विधानसभा से निर्दलीय जीत भी दर्ज की। इसके बाद 1991 में पूर्णिया लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल कर उन्होंने परचम लहराया। वो अपने राजनीतिक जीवन में राजद, सपा, लोक जनशक्ति पार्टी के सदस्य भी रहे। बिहार विधानसभा चुनाव 2015 से ठीक पहले पप्पू यादव ने 9 मई 2015 को अपनी खुद की पार्टी बनाई , जिसका नाम जन अधिकार पार्टी रखा। लेकिन वर्ष 2024 आम चुनाव से पहले उन्होंने अपनी पार्टी का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में विलय कर दिया। पप्पू यादव पूर्णिया से 3 बार सांसद रह चुके हैं।
बीमा भारती :
बीमा भारती का जन्म 1 जनवरी 1973 में हुआ था। बीमा भारती सुर्खियों में तब आईं जब वह जदयू छोड़कर राजद में शामिल हुई। उससे भी ज्यादा चर्चा इस बात की रही कि, वह जिस लोकसभा सीट ( पूर्णिया ) से चुनाव लड़ रही हैं। वहां से पप्पू यादव ने इंडी गठबंधन की तरफ से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। लेकिन वह सीट राजद के खाते में चली गयी और राजद की ओर से बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया गया। भारती ने पहली बार रूपाली निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधानसभा चुनाव 2000 में निर्दलीय जीत दर्ज की थी। उसके बाद राजद में शामिल हो गई। 2005 के विधानसभा चुनाव में बीमा भारती ने राजद से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 2010 विधानसभा चुनाव से पहले वह जदयू में शामिल हो गई। 2010,2015 और 2020 का विधानसभा चुनाव उन्होंने जदयू पार्टी की ओर से लड़ा और जीत भी दर्ज की। बीमा भारती रूपाली विधानसभा की 5 बार विधायक रह चुकी हैं।
संतोष कुशवाहा :
संतोष कुशवाहा पहली बार 2010 में पूर्णिया के बायसी विधानसभा से बीजेपी के विधायक बने। फिर 2014 और 2019 में जदयू से पूर्णिया लोकसभा के सांसद बने। आपको बता दें कि संतोष कुशवाहा जदयू के राष्ट्रीय महासचिव भी है।