हमारे समाज में जब भी कोई बलात्कार होता है, या ऐसी किसी घटना की खबर चर्चा में आती है, तो इसका सबसे बड़ा असर महिलाओं, लड़कियों और मासूम बच्चियों पर पड़ता है। परिवार खौफ में जीने लगते हैं, एक खबर लड़कियों के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा देती है। उनके पहनावे पर सवाल खड़े होने लगते हैं। हालांकि इन बातों पर कई बार चर्चाएं हुईं हैं। मगर आज भी एक विशेष वर्ग है जो बलात्कार के लिए महिलाओं को दोषी मानता है। हाल ही में हुए कोलकाता रेप केस की बात करें, तो इस मामले ने एक बार फिर पूरे देश की महिलाओं के अंदर खौफ पैदा कर दिया। और एक बड़ा सवाल भी.. कि क्या अब लड़कियां अपने कार्यस्थल में भी सुरक्षित नहीं है? साथ ही कई मां-बाप होंगे जो इस केस के बाद अपनी बेटियों को नाइट शिफ्ट करने की इजाजत नहीं देंगे, यानी कि देखा जाए तो आपराध चाहें कहीं भी हो, बलात्कार जैसी घटनाओं के बाद पाबंदियां लड़कियों को झेलनी पड़ती है।
ऐसे में अब कोलकाता रेस केस में आरोपी के वकील का नाम बाहर आने के बाद कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। शायद आप भी सुनकर हैरान हों कि इस केस में आरोपी संजय रॉय के पक्ष में जिस वकील को चुना गया है वो एक महिला वकील हैं। अभी तक सभी को लग रहा था कि जिस तरह का कुकृत्य संजय रॉय ने किया था उसके बाद शायद ही कोई वकील उसका केस अपने हाथों में लेगा। लेकिन कानून के मुताबिक हर केस में अपराधी को अपना पक्ष रखने के लिए एक वकील जरूर मुहैया कराया जाता है। जहां संजय रॉय का केस लड़ने से लगातार सभी वकीलों ने मना कर दिया तो वहीं आखिर में ये मामला 52 वर्षीय महिला वकील कबिता सरकार के पास पहुंचा। क्योंकि कबिता सरकार सियालदाह में स्टेट लीगल अथॉरिटी की एक मात्र स्टैंडिंग लॉयर है। ऐसे में उन्होंने ये केस उन्हें थमा दिया गया। शुक्रवार यानी कि 23 अगस्त को उन्होंने पेपर्स दाखिल कर केस लड़ने की मंजूरी भी मांग ली है।
हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में जब महिला वकील से पीड़ित डॉक्टर के लिए इंसाफ पर सवाल किया गया, तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि वो चाहती हैं कोलकाता की बेटी को इंसाफ मिले, लकिन उनके लिए इंसाफ कोर्ट की सुनवाई के बाद है ना कि उससे पहले। उन्होंने कहा कि हमारे देश में हर किसी को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है। महिलाओं की सुरक्षा और प्रदर्शन पर कबिता सरकार ने कहा कि मैं अपना काम कर रही हूं। मेरा काम ही उन आरोपियों का पक्ष है जिन्हें आपराधिक मामलों में वकील नहीं मिलते हैं।
कबिता सरकार ने आगे ये भी बताया कि ये कोई पहला मामला नहीं है, मैंने इससे पहले भी ऐसे कई केस हैंडल किए हैं। अभी मैं अपनी तनख्वाह से बेल बॉन्ड भी भर चुकी हूं। अदालत ने मुझसे आरोपी का पक्ष रखने को कहा है तो मैं वही करूंगी।
वहीं एक ओर जहां सोशल मीडिया पर लोग लगातार बलात्कार के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कबिता सरकार से जब संजय रॉय के लिए मौत की सजा को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मैं निजी तौर पर मृत्युदंड का समर्थन नहीं करती हूं। मेरे लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान की सबसे बड़ा दंड है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को गलती करने के बाद अपने जीवन में झांकने का और पश्चाताप करने का मौका मिलना चाहिए।