मानसून का सीजन भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन राजधानी दिल्ली में बुखार का मौसम अब भी थमा नहीं है। इस समय दिल्ली पोस्ट-मॉनसून सीजन में मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के गंभीर प्रकोप का सामना कर रही है। हालात इतने बिगड़े हुए हैं कि मलेरिया और चिकनगुनिया के केस पिछले छह सालों में सबसे ज्यादा स्तर पर पहुंच चुके हैं, जबकि डेंगू का खतरा अब भी बना हुआ है।
MCD की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 29 सितंबर तक दिल्ली में मलेरिया के 371, डेंगू के 759, और चिकनगुनिया के 61 मामले दर्ज किए गए। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है—2023 में इसी अवधि में मलेरिया के 237 और चिकनगुनिया के 42 मामले दर्ज हुए थे।
अगर पिछले कुछ सालों के रुझान देखें तो मलेरिया के मामले 2021 की तुलना में पांच गुना बढ़ चुके हैं। उस समय सितंबर तक केवल 66 केस रिपोर्ट हुए थे। हालांकि, डेंगू के मामले 2023 के 2,701 मामलों की तुलना में कम हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के लिए यह स्थिति फिर भी चिंता का विषय बनी हुई है।
वहीं, मच्छरों पर नियंत्रण के लिए MCD ने इस साल अपना अभियान और तेज कर दिया है। 1 जनवरी से 23 अगस्त तक एक लाख से अधिक घरों की जांच की गई, जिनमें मच्छर प्रजनन स्थल पाए गए। स्वास्थ्य और सफाई मानकों का उल्लंघन करने पर करीब 99,000 कानूनी नोटिस जारी किए गए और 18,000 से अधिक मामलों में कार्रवाई हुई।
इसके अलावा, 8.79 लाख घरों में छिड़काव किया गया, 4,588 सामुदायिक अभियान चलाए गए और कुल 13.89 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया। प्राकृतिक नियंत्रण के तहत 304 पानी के स्रोतों में मछलियां छोड़ी गईं, जबकि पिछले साल यह संख्या 209 थी। अधिकारी बताते हैं कि इस बार डेंगू के केस कम जरूर हैं, लेकिन मलेरिया और चिकनगुनिया का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। सामान्यत: डेंगू सितंबर से नवंबर के बीच तेजी से फैलता है, लेकिन इस बार इसका असर थोड़ा कम देखा गया है।
अगर अचानक बुखार और कंपकंपी महसूस हो तो सावधान रहें। अचानक ठंड लगना, कंपकंपी आना और बुखार चढ़ना मलेरिया, चिकनगुनिया या डेंगू की शुरुआती निशानी हो सकते हैं। ऐसे में लापरवाही न करें — तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और ब्लड टेस्ट जरूर कराएं। साथ ही घर के आसपास पानी जमा न होने दें और मच्छर-रोधी उपायों का नियमित रूप से इस्तेमाल करें।