फलों में सेहत का खजाना छिपा होता है, यही वजह है कि डॉक्टर रोजाना फल खाने की सलाह देते हैं। अगर आप अपनी डाइट में फलों को शामिल करते हैं, तो इससे न सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ती है बल्कि कई बीमारियों से भी बचाव होता है। फल लाल, पीले, हरे, नीले और कई अन्य रंगों के होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन रंगों में ही उनके खास गुण छिपे होते हैं? जी हां — फलों का रंग ही बताता है कि वे शरीर के लिए किस तरह फायदेमंद हैं। अगर आपको यह जानकारी हो कि किस रंग के फल में कौन से पोषक तत्व हैं, तो आप अपनी जरूरत के अनुसार उन्हें डाइट में शामिल कर अपनी सेहत को और बेहतर बना सकते हैं।
फलों के रंग केवल सुंदरता नहीं बढ़ाते, बल्कि इनमें मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स (Phytonutrients) और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर के लिए बेहद जरूरी होते हैं।
डॉ. पीयूष मिश्रा (जनरल फिजिशियन एंड इम्यूनाइजेशन ऑफिसर, नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट, नई दिल्ली) के अनुसार — फलों को उनका रंग देने वाले तत्व, दरअसल, पौधों में पाए जाने वाले फायदेमंद कंपाउंड यानी फाइटोन्यूट्रिएंट्स से जुड़े होते हैं। ये कंपाउंड हमारे शरीर में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और विटामिन्स की तरह काम करते हैं।
आइए जानते हैं, रंगों के आधार पर कौन से फलों में क्या-क्या फायदे छिपे हैं —
लाल रंग के फल और सब्जियों में कैरोटेनॉयड्स नामक फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। ये टमाटर, सेब, चेरी, तरबूज, लाल अंगूर, स्ट्रॉबेरी और लाल शिमला मिर्च में प्रचुर मात्रा में मिलते हैं।
कैरोटेनॉयड्स को एंटीऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है, जो त्वचा और आंखों की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं। साथ ही ये हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव में भी मदद करते हैं।
नारंगी और पीले रंग के फल
इस रंग के फलों और सब्जियों में भी कैरोटेनॉयड्स होते हैं, लेकिन यह लाल फलों से थोड़े अलग प्रकार के होते हैं।
गाजर, खुबानी, संतरा और हल्दी जैसे खाद्य पदार्थों में ये तत्व प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। ये शरीर में अल्फा और बीटा कैरोटीन में बदलकर विटामिन ए बनाते हैं, जो आंखों की रोशनी, इम्यून सिस्टम और त्वचा की सेहत के लिए बेहद जरूरी है।
हरे रंग के फल और सब्जियां
हरे रंग के खाद्य पदार्थों में कई प्रकार के फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जिनमें क्लोरोफिल प्रमुख है।
ये एवोकाडो, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, हरे सेब, नाशपाती, ग्रीन टी और पत्तेदार सब्जियों में पाए जाते हैं।
ये तत्व रक्त वाहिकाओं को लचीला बनाते हैं, जिससे ब्लड फ्लो सुधरता है और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। इसके कारण हृदय और रक्त वाहिकाओं से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी घटता है।
नीले और बैंगनी रंग के फल
इस समूह के फलों में एंथोसायनिन और रेस्वेराट्रोल जैसे शक्तिशाली फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं।
ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, अंजीर, आलूबुखारा और बैंगनी अंगूर इनका प्रमुख स्रोत हैं।
एंथोसायनिन में मजबूत एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो कैंसर, हार्ट डिज़ीज़ और स्ट्रोक के खतरे को कम करते हैं।
इसके अलावा, यह मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच सिग्नलिंग को बेहतर बनाकर मेंटल हेल्थ में भी सुधार करता है।
भूरे और सफेद रंग के फल व सब्जियां
इन रंगों के फल और सब्जियां फ्लेवोन्स नामक फाइटोन्यूट्रिएंट्स के कारण रंगीन दिखते हैं।
इनमें एपिजेनिन और ल्यूटियोलिन जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो लहसुन, आलू और केले जैसे खाद्य पदार्थों में मौजूद होते हैं।
विशेष रूप से लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होता है।
यह ब्लड वेसल्स को फैलाकर ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मदद करता है।
सभी रंगों के फलों का सेवन क्यों जरूरी है?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि हमें केवल एक ही रंग के फल नहीं, बल्कि सभी रंगों के फलों का सेवन करना चाहिए।
लाल, पीले, हरे, नीले — हर रंग के फल अपने-अपने खास पोषक तत्वों के साथ शरीर को संतुलित पोषण देते हैं।
नियमित रूप से रंग-बिरंगे फलों का सेवन करने से क्रोनिक डिजीज़, हार्ट डिजीज़, डायबिटीज़ और कई तरह के कैंसर से बचाव होता है।
साथ ही, ध्यान रखें कि कई फलों के सबसे जरूरी पोषक तत्व उनकी छिलके में मौजूद होते हैं। इसलिए, जब संभव हो, उन्हें बिना छीले खाना और भी ज्यादा फायदेमंद होता है।