12 अक्टूबर 2024 की रात मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना को ऐसे समय पर अंजाम दिया गया, जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे के ऑफिस से बाहर निकल रहे थे। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि ऐसे अचानक कोई सरेआम एनसीपी नेता की हत्या कर देगा। वहीं गोलियां चलने के बाद बाबा सिद्दीकी को बचाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन अस्पताल पहुंचते ही उनकी मौत हो गई। हाई प्रोफाइल केस होने के चलते मुंबई पुलिस से लेकर क्राइम ब्रांच मुंबई तक सब जांच में जुटे हुए हैं। फिलहाल ये तो साफ है कि इस हत्याकांड के तार लॉरेंस बिश्नोई से जुड़े हुए हैं। लेकिन इस केस से जुड़े आरोपियों की लिस्ट बहुत लंबी है।
पहले बार कर लेते हैं मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम, धर्मराज कश्यप और गुरमैल सिंह की.. जिन्होंने बाबा सिद्दीकी पर उस रात गोली चलाई। पुलिस ने तीन में से दो (धर्मराज कश्यप और गुरमैल सिंह) को तुरंत गिरफ्तार कर लिया था। जबकि तीसरा आरोपी शिवकुमार गौतम फरार हो निकला। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को पुलिस ने जिला कोर्ट में पेश किया तो अदालत ने दोनों को 21 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेजा है। वहीं तीसरे की तलाश जारी है।
वहीं दूसरी ओर पुलिस ने शुभम लोणकर के भाई प्रवीण लोणकर भी गिरफ्तार कर लिया है। आपको बता दें कि शुभम लोणकर वो शख्स है जिसने फेसबुक पर पोस्ट कर लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तरफ से बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। फिलहाल शुभम भी फरार चल रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि शुभम को मुंबई पुलिस ने इसी साल एक मामले में गिरफ्तार किया था। तब उसने लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई के साथ संपर्क रखने की बात स्वीकार की थी।
बाबा सिद्दीकी की हत्या ने पूरे लॉरेंस बिश्नोई गैंग को सवाल के कटघरे में खड़ा कर दिया है। एक के बाद एक मिल रहे सबूतों और जांच में कई तार जुड़ते नजर आ रहे हैं। एक बड़ी खबर ये भी सामने आ रही है कि बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में शूटरों को लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया करवाने वाला आरोपी जीशान अख्तर सौरव महाकाल का दोस्त है।
आपको बता दें कि सौरव महाकाल एक समय पर महाराष्ट्र के नामी गैंगस्टर अरुण गवली के साथ भी काम कर चुका है। लेकिन इन दिनों वो लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में है। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भी इस बदमाश का नाम सामने आया था। अब जब पुलिस ने जिशान अख्तर की फाइल खंगालना शुरू की, तो उसमें करीब 1 दर्शन साथियों के नाम सामने आए हैं। जिनमें सौरव का नाम 8वें नंबर पर बताया जा रहा है।
अब बात करते हैं कि आखिर कौन है सौरव महाकाल..
बता दें कि सौरव महाकाल का असली नाम सिद्धेश हीरामन कांबले है। पहले सौरव अरुण गवली की गैंग का हिस्सा था। इस दौरान उसने संतोष जाधव के साथ कई हत्याओं को अंजाम दिया था। मुंबई पुलिस की मानें तो महाकाल को सुपारी किलिंग के तौर पर भी जाना जाता है क्योंकि ये खुद अपने हाथों से हत्या करने के लिए जाना जाता है। मुंबई पुलिस के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में पकड़े गए शूटरों से पूछताछ में जब पंजाब के जालंधर निवासी बदमाश जिशान अख्तर का नाम सामने आया. तब पुलिस ने इस बदमाश की कुंडली खंगाली, जिसमें कई नाम सामने आ रहे हैं।