लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों में भाजपा लगातार तीसरी बार बाजीगर बनकर उभरी है। हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा खुद के बलबूते बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई और पिछले दो चुनावों का प्रदर्शन भी नहीं दोहरा पाई। बावजूद इसके भाजपा की यह जीत ऐतिहासिक रही है। बता दें कि भाजपा गठबंधन वाली एनडीए 291 सीटों के साथ सरकार बनाने की ओर अग्रसर है। इस चुनाव में परिणाम काफी चौंकाने वाले थे। सबसे बड़े अंतर से अपने विरोधी नेता को चित्त करने वालों में न पीएम मोदी रहे और न ही अमित शाह वहीं राहुल गांधी भी इस रेस से बाहर ही रहे। बावजूद इसके एक तरफ जहां एक सांसद ने 11 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की तो वहीं दूसरी तरफ जीत का अंतर महज 48 वोट रहा। तो चलिए जानते हैं कि सबसे अधिक और सबसे कम मार्जिन से लोकसभा चुनाव जीतने वाले सांसद आखिर कौन बनें?
सबसे पहले जान लेते है लोकसभा चुनाव 2024 में सबसे अधिक वोटों से जीतने वाले 5 उम्मीदवारों के नाम, जिनमें चार भाजपा नेताओं ने लोकसभा चुनावों में सबसे अधिक अंतर से जीत दर्ज की है।
-बात करें असम की तो यहां धुबरी के सांसद रकीबुल हुसैन पहले नंबर पर हैं। उन्होंने 14 लाख 71 हजार 885 वोटों से जीत दर्ज की है। वहीं मध्य प्रदेश की इंदौर सीट से सांसद शंकर लालवानी दूसरे नंबर पर हैं। उन्होंने 11 लाख 72 हजार से अधिक वोटों के अंतर से चुनाव जीता। दिलचस्प बात यह रही कि इंदौर में नोटा दो लाख से ज्यादा मतों के साथ दूसरे स्थान पर आश्चर्यजनक रूप से रहा। आपको बता दें कि नोटा मतदाता की वो पॉवर है। जिसमें वो किसी भी उम्मीदवार को चुनने के बजाय नोटा यानी कि ‘इनमें से कोई नहीं’ पर बटन दबाता है। इंदौर लोकसभा सीट पर नोटा में 2 लाख 18 हजार 674 वोट पड़े।
इसके अलावा बड़े अंतर के साथ अपनी सीट जीतने वालों में तीसरे नंबर पर एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रहे। उन्होंने कांग्रेस कैंडिडेट प्रतापभानु शर्मा को 8 लाख 21 हजार 408 वोटों के अंतर से हराया। बात करें गुजरात की तो यहां नवसारी के सांसद सीआर पाटिल चौथे नंबर पर हैं। उन्होंने 10 लाख 31 हजार 065 वोटों से जीत दर्ज की है। पांचवी सबसे बड़ी जीत गृह मंत्री अमित शाह ने हासिल की है। शाह ने गांधीनगर लोकसभा सीट से कांग्रेस कैंडिडेट सोनल रमनभाई पटेल को 7 लाख 44 हजार 716 वोटों के अंतर से हराया।
अब बात करते हैं उन उम्मीदवारों की, जिन्होंने सबसे कम वोटों के साथ लोकसभा चुनाव 2024 में विजय हासिल की।
इसमें पहले नंबर पर शिवसेना के रवींद्र वायकर हैं, जिन्होंने मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट पर यूबीटी के अमोल कीर्तिकर को महज 48 वोटों से हराया है। दूसरे नंबर पर एनसीपी (शरद पवार) के उम्मीदवार बजरंग मनोहर सोनवाने ने भाजपा की पंकजा मुंडे को 6 हजार 553 मतों से करारी हार का सामना करवाया है। वहीं आंवला, हातकणंगले, मुजफ्फरनगर और कांथी लोकसभा क्षेत्रों में भी जीत का अंतर 1000 वोटों से भी कम रहा है। सलेमपुर, मुंबई नॉर्थ सेंट्रल, मुंबई नॉर्थ वेस्ट में भी जीते हुए प्रत्याशियों को 2 हजार से कम वोटों के अंतर से जीत मिली है।
ये तो रही जीत और हार की बात… लेकिन साल 2024 का लोकसभा चुनाव एक अलग तरह से सुर्खियों में रहा है। क्योंकि इस बार नोटा मतों की संख्या ने सभी को हैरान कर दिया। रिपोर्ट की मानें तो साल 2013 में नोटा को चुनाव का हिस्सा बनाने के बाद साल 2014 के चुनाव में नोटा को 60 लाख 197 वोट मिले थे तो साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 65 लाख 23 हजार 975 वोट मिले थे, वहीं 2024 के नतीजों में करीब 63 लाख 47 हजार 509 लोगों ने नोटा को चुना है।
आपको बता दें कि कई लोकसभा सीटें तो ऐसी रहीं जहां पर जीत के अंतर से ज्यादा मत नोटा को मिले हैं। इनमें सबसे पहला नंबर है बिहार की शिवहर लोकसभा सीट का.. जहां पर लवली आनंद ने आरजेडी प्रत्याशी रितु जायसवाल को 29 हजार 143 वोटों के अंतर से हराया.. वहीं यहां पर लगभग 30 हजार से भी ज्यादा मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। इसी तरह दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल के बिशनुपुर में जीत हासिल करने वाली खान सौमित्रा ने मात्र 5 हजार 567 वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जबकि इस सीट पर नोटा मतों की संख्या 19 हजार से भी ज्यादा रही। इसके बाद कांकेर में भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग ने 1 हज़ार 884 के अंतर से कांग्रेस के बीरेश ठाकुर को हराया। जबकि यहां पर भी नोटा को वोट देने वालों की संख्या साढ़े 18 हजार के करीब दर्ज की गई है। वहीं आरामबाग में 6 हजार 399 वोटों के अंतर से टीएमसी की मिताली बाग ने भाजपा के अरुप कांति को हराया है। जीत के अंतर वाले वोटों के मुकाबले यहां भी नोटा को मिले वोटों की संख्या में काफी अंतर दिखाई दिया। बता दें कि आरामबाग में जनता ने नोटा को 18 हजार के करीब वोट दिए हैं।