अभी का मौसम हिन्दी पट्टी के किसानों के लिए चिंता का मौसम होता है, ज्यादा ठंड से फसलों के नुकसान की होने की आशंका बनी रहती है और ठंड के साथ कई जगह तेज बारिश और ओले ज्यादा नुकसान कर जाते हैं। अभी भी कई इलाकों में तेज ठंड पड़ रही हैं यहाँ तक कि मौसम विभाग ने आगामी दिनों में कई राज्यों के लिए कोल्ड डे की चेतावनी भी जारी की है। इस मौसम में फसलों को सबसे अधिक खतरा पाला लगने का होता है। हर साल फसलों में पाला लगने से किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है। जिसको देखते हुए कृषि विभाग द्वारा किसानों की फसलों को पाले से बचाने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को अपनाकर किसान अपनी फ़सल को पाले से बचा सकते हैं। पाले के प्रभाव से पौधों की पत्तियां एवं फूल झुलस कर गिर जाते हैं एवं आधे पके हुए फल सिकुड़ जाते हैं। फलियों एवं बालियों में दाने नहीं बनते हैं एवं जो दाने बन चुके हैं वो दाने भी संकुचित हो जाते हैं ऐसे में कुछ उपाय पर तत्काल गौर करना चाहिए और हर साल ठंड में इसे अपनाना चाहिए।
जिस रात पाला पड़ने की सम्भावना हो उस रात 12 से 2 बजे के आस-पास खेत की उत्तरी पश्चिमी दिशा से आने वाली ठण्डी हवा की दिशा में खेतों के किनारों पर बोई हुई फसल के आस-पास मेड़ों पर कूड़ा-कचरा या अन्य घास-फूस को जलाना चाहिए ताकि खेत में धुंआ हो जाये एवं वातावरण मे गर्मी आ जाए। इस विधि से 4 डिग्री सेल्सियस तापमान आसानी से बढ़ाया जा सकता है।
सिंचाई भी फसलों को पाले से बचाने के लिए एक कारगर उपाय है। जब पाला पड़ने की सम्भावना हो तब खेत में हल्की सिंचाई करनी चाहिए। नमी युक्त जमीन में काफी देर तक गर्मी रहती है तथा भूमि का तापमान एकदम कम नहीं होता है। इस प्रकार पर्याप्त नमी होने पर शीत लहर व पाले से नुकसान की संभावना कम रहती है। वैज्ञानिकों के अनुसार सर्दी में फसल की सिंचाई करने से 0.5 डिग्री से 2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ जाता है। खासतौर पर सब्जियों के लिए ये तरीका बहुत कारगर होता है।