माता-पिता के लिए बच्चे उनके जीवन से भी बढ़कर होते हैं। अपना पूरा जीवन उनकी बेहतर परवरिश और शिक्षा में गुजारने वाले मां-बाप अपने बच्चों को तकलीफ में नहीं देख सकते, लेकिन सोचिए अगर आपके मासूम बच्चे को कोई ऐसी बीमारी हो जाए, जिसके इलाज के लिए आपको दर-दर की ठोकरें खानी पड़े। तो आप पर क्या बीतेगी। कुछ ऐसी ही परिस्थिति से इस समय 1 साल की मासूम ध्रुविका के माता-पिता गुजर रहे हैं। जिनकी बच्ची ध्रुविका, श्वाचमैन डायमंड सिंड्रोम से ग्रसित है।
दरअसल, 1 साल पहले जब ध्रुविका का जन्म हुआ, तब उसके माता-पिता की खुशियों का ठिकाना नहीं था। सब कुछ एक दम ठीक था, मगर उनके जीवन में तूफान तब आया। जब जून 2023 में उन्हें ध्रुविका के श्वाचमैन डायमंड सिंड्रोम से ग्रसित होने की जानकारी मिली। ये एक प्रकार का दुर्लभ आनुवंशिक विकार है। हालांकि इसकी वजह से ध्रुविका को जन्म से कई परेशानियां होने लगी थी। उन्हें कम रक्त गणना और बार-बार रक्त संक्रमण के कारण विभिन्न अस्पतालों में कई बार भर्ती कराया गया है।
आपको बता दें कि श्वाचमैन-डायमंड सिंड्रोम (एसडीएस) एक दुर्लभ, वंशानुगत बीमारी है। जिसमें व्यक्ति का bone marrow फेल होने लगता है। इतना ही नहीं, इस बीमारी में सफेद रक्त कोशिकाओं की कम संख्या, अग्न्याशय की कमी के कारण भोजन को अवशोषित करने में भी कठिनाई होती है। जिसके कारण शरीर की वृद्धि रूक जाती है वहीं कुछ मामलों में, कंकाल संबंधी असामान्यताएं भी देखने को मिलती हैं। ध्रुविका के माता-पिता की मानें तो वो अब तक ध्रुविका के बोन मैरो(अस्थि मज्जा) की विफलता और अग्न्याशय अपर्याप्तता का इलाज करवा रहे हैं।
फिलहाल ध्रुविका के माता-पिता उसके स्थिति को स्थिर रखने के लिए उसे हर दिन इंजेक्शन (जी-सीएसएफ) दे रहे हैं। ताकि अस्थि मज्जा को डब्ल्यूबीसी का उत्पादन होता रहे। इसके साथ ही भोजन को अवशोषित करने में मदद करने के लिए उसे अग्नाशयी एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी (पीईआरटी) भी दी जा रही है। आपको बता दें कि एसडीएस वाले बच्चों में मायलोइड्सप्लास्टिक सिंड्रोम (एमडीएस) या ल्यूकेमिया जैसे रक्त विकार विकसित होने की एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण संभावना होती है।
ध्रुविका के माता-पिता के अनुसार, वे दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उसका इलाज करा रहे हैं। डॉक्टरों की टीम के अनुसार ल्यूकेमिया (कैंसर) की स्थिति से बचने के लिए उन्होंने अगले महीने तक उसके बोन मैरो ट्रांसप्लांट की योजना बनाई है। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण एक बहुत ही जटिल सर्जरी है। जिसके कारण इसकी लागत लगभग 30 लाख और सर्जरी के बाद लगभग 15 लाख होगी, यानी कि कुल खर्च 45 लाख आएगा।
ऐसे में भारतिका के सभी पाठकों से निवेदन है कि अगर आप ध्रुविका के इलाज में अपनी कुछ मदद कर सकते हैं तो जरूर करें। उसे अपने अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण में सहायता के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। कृपया इस कठिन समय में उसकी मदद करें।
नीचे उनका इम्पैक्ट गुरु अभियान लिंक है:-
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खाते का विवरण नीचे दिया गया है | आईएमपीएस/एनईएफटी/आरटीजीएस के लिए:-
खाताधारक का नाम: करण त्रिका
खाता संख्या :- 418001504287
बैंक का नाम:- आईसीआईसीआई बैंक
आईएफएससी कोड:-ICIC0004180
एमएमआईडी:-9229253
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