“फिल्में सिर्फ तीन चीजों से चलती हैं – एंटरटेनमेंट! एंटरटेनमेंट! एंटरटेनमेंट! और मैं एंटरटेनमेंट हूं.” – साल 2011 में विद्या बालन ने फिल्म ‘The Dirty Picture ’ में यह डायलॉग बोला था। विद्या की खूब तारीफ़ भी हुई और उन्हें इस फिल्म के लिए नेशनल अवार्ड भी मिला। लेकिन क्या आपको पता है की यह फिल्म किस एक्ट्रेस की कहानी पर बनी है? अपने आज के इस वीडियो में हम उसी एक्ट्रेस की बात करेंगे जिसने ये एंटरटेनमेंट वाला डायलॉग दिया और इस एंटरटेनमेंट को मौत तक जिया। इस अदाकारा के पास पैसा,शोहरत सब कुछ था लेकिन निजी जिंदगी काफी दर्द भरी रही। हम बात कर रहे हैं साउथ इंडियन सिनेमा की एक मशहूर एक्ट्रेस विजयालक्ष्मी यानी Silk Smitha की…
सिल्क स्मिता… भारतीय सिनेमा का वो नाम हैं, जिन्होंने काफी छोटी उम्र में ही इंडस्ट्री पर कभी न मिटने वाली छाप छोड़ दी थी। सिल्क को ऑडियंस का तो खूब प्यार मिला, लेकिन एक्ट्रेस अपनी निजी जिंदगी में हमेशा तन्हा ही रहीं। एक्ट्रेस का बचपन हो या उनकी शादीशुदा जिंदगी उन्हें कभी भी खुशी नसीब नहीं हुई। फिर उनकी जिंदगी में एक ऐसा दौर आया जब उनके अकेलेपन ने उनकी जान ले ली।
सिल्क का जन्म 2 दिसंबर 1960 को आंध्र प्रदेश के एल्लुरू में एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ। उनका बचपन का नाम विजयलक्ष्मी वदलापति था। उनके परिवार को आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी। 10 साल की उम्र में सिल्क ने स्कूल छोड़ दिया और अपनी मां के साथ घर में काम करने लगी।
14 साल की उम्र में सिल्क के माता पिता ने उसकी शादी कर दी। लेकिन यह शादी टिक नहीं सकी और कुछ सालों बाद उन्होंने शादी से अलग होने का फैसला लिया। इस फैसले ने ही सिल्क की जिंदगी बदल दी। अब सिल्क स्मिता चेन्नई में अपनी मौसी के साथ रहने लगी, उन्होंने एक मेकअप आर्टिस्ट के रूप में काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने कई फिल्मों में छोटे मोटे रोल्स भी किए, लेकिन उनका क्रेडिट कभी उन्हें नहीं मिला।
बतौर फिल्म एक्ट्रेस सिल्क स्मिता ने अपने की शुरुआत फिल्म Inaye Thedi से की थी, जिसे मलयालम निर्देशक, एंटनी ईस्टमैन ने डायरेक्ट किया था। फिल्म 10 जुलाई, 1981 को रिलीज़ हुई थी। फिल्म को ऑडियंस का पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला था। लेकिन सिल्क स्मिता अभी भी भीड़ में छिपी थी।
कई लोगों का मानना है कि सिल्क स्मिता के फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद उन्होंने अपना नाम विजयालक्ष्मी वाडलापति से बदलकर सिल्क स्मिता रख लिया था। लेकिन यह आधा सच है, क्योंकि उन्होंने अपना नाम बदलकर स्मिता रख लिया था, लेकिन 1980 में आई उनकी फिल्म वंदिचक्करम (Vandichakkaram) की रिलीज के बाद उनके नाम के साथ ‘सिल्क’ जुड़ गया। फिल्म में उन्होंने ‘सिल्क’ नाम की एक बार गर्ल का किरदार निभाया था और उनका यह किरदार इतना फेमस हुआ की उन्हें आने वाले सालों में ‘सिल्क स्मिता’ के नाम से जाना जाने लगा।
सिल्क स्मिता फिल्मों में अपनी बोल्ड ऐक्टिंग और इंटिमेट सींस की वजह से पहले ही दिलों पर राज कर रही थी लेकिन आइकॉनिक फिल्म मूँदरू मुगम (Moondru Mugam) में जब वह सुपरस्टार रजनीकांत के साथ दिखाई दी तो उनका स्टेटस चेंज हो चुका था। अब वह सिंबल ऑफ सेंसुऐलिटी बन चुकी थीं।
80 से 90 के दशक तक, हर डायरेक्टर अपनी फिल्मों में सिल्क स्मिता का गाना जरूर रखता था क्यों उनकी 4-5 मिनट की मौजूदगी ही सिनेमाहॉल को खचाखच भर देती थी। भारतीय सिनेमा की मर्लिन मुनरो (Marilyn Monroe) के रूप में जानी जाने वाली स्मिता ने अपने 17 साल के करियर में 5 भाषाओं में 450 से ज्यादा फिल्मे कीं।
सब कुछ बेहद अच्छा चल रहा था। सिल्क स्मिता अपने सपनों को जी रही थी। बताया जाता है कि अपने करियर की ऊंचाइयों पर उन्होंने फिल्म प्रोड्यूस करने का मन बनाया और उन्होंने 2 फिल्में बनाई लेकिन कोई भी फिल्म नहीं चली और इससे उन्हें करीब 2 करोड़ रुपए का घाटा हो गया।
लाखों चाहने वालो की भीड़ में भी वो खुद को अकेला समझने लगी। रिपोर्ट्स में बताया जाता है कि उनकी पर्सनल लाइफ में बहुत सी परेशानियां थी जो वो किसी से भी शेयर नहीं करती थी। एक्ट्रेस ने अपने अकेलेपन के चलते शराब का सहारा लेना शुरू कर दिया था और धीरे-धीरे वह शराब के नशे में इस कदर डूबती गईं कि उन्होंने अपना करियर भी चौपट कर लिया।
स्मिता ने बचपन से जो सपना देखा था वो पूरा तो हो गया लेकिन अंदर ही अंदर वह अकेलेपन से घिर गई थीं। वह महसूस करने लगीं कि उन्हें प्यार करने वाला कोई नहीं है। हमेशा शराब में खुद को डुबोए रखने वालीं सिल्क 23 सितंबर 1996 को अपने घर में रहस्यमय हालातों में मृत मिलीं। उनकी मौत की खबर ने इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने पंखे से लटककर अपनी जान दे दी थी।
सिल्क स्मिता ने अपनी मौत से पहले हाथ से एक खत लिखा था। इस चिट्ठी में उन्होंने अपनी दुखद जिंदगी के बारे में सबकुछ कह डाला था। यह पत्र इंटरनेट पर खूब वायरल भी हुआ। तेलुगू से अंग्रेजी में अनुवाद के बाद खत को जितना समझा जा सका, उसमें स्मिता ने ये लिखा था-
“सिर्फ मैं ही जानती हूं कि एक अभिनेत्री बनने के लिए मैंने कितनी मेहनत की है। मुझे किसी ने प्यार नहीं किया। केवल बाबू ही मेरे साथ थोड़ा प्यार से पेश आए। हर किसी ने मेरे काम का फायदा उठाया। जिंदगी से मैं बहुत कुछ चाहती हूं। मैं इन सभी ख्वाहिशों को पूरा भी करना चाहती हूं लेकिन मैं जहां भी गई मुझे शांति नहीं मिली। सबने मुझे परेशान ही किया, और इसलिए अब मौत मुझे बुला रही है। मैंने सबके लिए अच्छा किया है और फिर भी मेरा जीवन ऐसा है? भगवान, क्या यही न्याय है? मुझे अपनी कमाई का आधा हिस्सा बाबू को देना पड़ा। मैं उनसे बहुत प्यार करती थी और ईमानदार भी थी। मुझे विश्वास था कि वह मुझे कभी धोखा नहीं देंगे लेकिन उन्होंने ठीक वैसा ही किया।
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