बीते दिन कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। ये इस्तीफा उन्होंने तब दिया जब पार्टी देश में लोकसभा चुनाव के प्रचार प्रसार में लगी हुई है वहीं पार्टी ने भी बिना देरी किए सैम पित्रोदा के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। जिसकी जानकारी खुद पार्टी के नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है। उन्होंने एक पोस्ट कर लिखा कि सैम पित्रोदा ने अपनी मर्ज़ी से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष ने भी उनका इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है।
लेकिन अब सवाल ये है कि आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि सैम पित्रोदा ने कांग्रेस छोड़ने का फैसला कर लिया। दरअसल, अभी हाल ही में सैम पित्रोदा का एक वीडियो काफी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें वो भारत के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले लोगों के रंगभेद की तुलना विवादित रूप से करते नजर आ रहे हैं। वीडियों में जहां पित्रोदा ने पूर्वी भारत में रहने वाले लोगों की तुलना चीनी लोगों से की, तो वहीं दक्षिण भारत की तुलना वो अफ्रीकी लोगों से कर रहे हैं। अपने इन्हीं बयानों को लेकर सैम पित्रोदा कांग्रेस के निशाने पर आ गए। हालांकि पार्टी ने उनके बयानों से तुरंत किनारा कर लिया और खुदकों पूरी तरह से सैम पित्रोदा के बयान से अलग करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि सैम पित्रोदा ने एक पॉडकास्ट में भारत की विविधता को दर्शाने के लिए जो तुलना की है, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से खुद को पूरी तरह अलग करती है।
बात करें सैम पित्रोदा के बयान की, तो उन्होंने वीडियो में कहा है कि भारत एक अत्यंत विविधता भरा देश है, जहां पूर्वी भारत में रहने वाले लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले श्वेतों की तरह और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों की तरह दिखते हैं। लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता, हम सभी भाई-बहन हैं। उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग भाषाओं, धर्मों और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं। ये वही भारत है, जिस पर मेरा भरोसा है, जहां हर किसी का सम्मान है और हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है।
आपको बता दें कि इससे पहले भी सैम पित्रोदा भारत को लेकर ऐसे विवादित बयान दे चुके हैं। और पहले भी पार्टी उनके बयानों से किनारा करती आई है। दरअसल, अमेरिका में विरासत टैक्स का जिक्र करते हुए पित्रोदा ने अपने एक इंटरव्यू मे कहा था कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। अगर किसी शख्स के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है। तो उसके मरने के बाद 45 प्रतिशत संपत्ति उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है जबकि 55 प्रतिशत संपत्ति पर सरकार का मालिकाना हक हो जाता है। वहीं इस नियम की तुलना उन्होंने भारत से करते हुए आगे कहा था कि भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है। अगर यहां किसी के पास 10 अरब रुपये की संपत्ति है, तो उसके मरने के बाद उनके बच्चों को सारी की सारी संपत्ति मिल जाती है, जनता के लिए कुछ नहीं बचता।