फूड सेफ्टी को लेकर हर दिन अब एक नया सवाल खड़ा होने लगा है। आए दिन सोशल मीडिया पर कुछ ना कुछ ऐसा वायरल हो रहा है जिसको देखने के बाद अब बाहर का खाने से भी डर लगने लगा है। हालांकि यह स्थिति पहले केवल जंक फूड के साथ थी, मगर अब तो पैक्ड फूड को लेकर भी डाउट सामने आने लगे हैं।
जैसे कि आपको मालूम ही होगा कि कुछ ही दिन पहले मुंबई के मलाड में एक डॉक्टर को ऑनलाइन ऑर्डर की गई आइसक्रीम में इंसान की एक उंगली मिली थी। इस मामले के बाद पूरे सोशल मीडिया पर खाने-पीने की चीजों को लेकर और उसकी शुद्धता पर सवाल खड़े होने लगे। हालांकि जांच में पाया गया कि ये उंगली फैक्ट्री में काम करने वाले किसी कर्मचारी की हो सकती है। जिसके बाद ये मामला तो सुलझ गया मगर फूड सेफ्टी को लेकर खड़े किए गए सवालों का जवाब नहीं मिला..
इसके बाद ऐसा ही एक और मामला सामने आया.. जिसमें ग्रेटर नोएडा की एक जूस की दुकान में कॉकरोच सिर्फ दिखाई नहीं दिए बल्कि एक ग्राहक के जूस में भी मरा हुआ कॉकरोच पाया गया। जिसके बाद से एक व्यक्ति ने उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद खाद्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए दुकानदार पर मुकदमा दर्ज कर सैंपलों को जांच के लिए भेज दिया। चलिए ये तो फिर दुकान पर बनने वाले जूस की बात थी, लेकिन हद तो तब हो गई जब Hershey जैसे नामी ब्रांड के चॉकलेट सिरप में मरा हुआ चूहा निकल आया।
दरअसल, प्रामी श्रीधर नाम के एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि “हमने Zepto से Hershey का चॉकलेट सिरप ऑर्डर किया था, जिसे हम ब्राउनी केक के साथ खा सकें। लेकिन जैसे ही हमने सिरप केक पर डालना शुरू किया, वैसे ही उसमें से छोटे-छोटे बाल निकलने लगे। फिर हमने सिरप की बोतल को खोलने का निर्णय किया। बोतल का ऊपर वाली हिस्सा सील था, लेकिन हमने उसे खोला और एक ग्लास में सिरप निकाला, मगर उसमें से मरा हुआ चूहा निकला। दोबारा कंफर्म करने के लिए हमने उसे पानी से भी धोया मगर वो मरा चूहा ही था। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी क्योंकि चूहा निकालने से पहले ही उस सिरप को तीन लोग चख चुके थे। जिनमें से एक लड़की बेहोश हो गई और उसे तुरंत हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। हालांकि वो अब ठीक है मगर इस मामले में जांच होनी चाहिए।
इस मामले में Hershey ने जवाब देते हुए खेद जताते हुए यूजर से प्रोडक्ट और मैन्युफैक्चरिंग कोड मांगा। साथ ही वहीं शिकायतकर्ता का कॉन्टैक्ट नंबर देने का भी आग्रह किया। लेकिन अब सवाल ये है कि ऐसी गलतियां या लापरवाही माफ की जा सकती है। अगर सिरिप को चखने की बजाय ज्यादा खा लेने से अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती, तो क्या कंपनी का खेद जताना काफी होता ?
खैर ये सिर्फ एक मामला नहीं है ऐसे ना जाने कितने ही मामले इन दिनों सामने आ चुके हैं, जैसे हाल ही की बात करें तो गुजरात के जामनगर में एक वेफर के पैकेट में मरा हुआ ‘मेढक’ निकला.. यहां एक स्थानीय दुकान से एक व्यक्ति ने अपने बच्चों के लिए वेफर का पैकेट खरीदा लेकिन जैसे ही घर जाकर बच्चों ने उसे खोला, तो उसमें मरा हुआ मेढ़क पाया गया। जिसके बाद व्यक्ति ने कंपनी के कस्टमर कॉल पर कॉल करके शिकायत दर्ज करवाई मगर कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद व्यक्ति ने खाद्य विभाग से शिकायत की। शिकायत के बाद ही अधिकारियों ने दुकान पर वेफर के पैकेट में से सैंपर इकठ्ठा किया और उसे जांच के लिए भेज दिया।
वहीं दूसरी ओर आरोप को लेकर बालाजी वेफर्स की तरफ से बयान आया है कि, “हमारा प्लांट पूरी तरह से ऑटोमैटिक है, ऐसे में अगर कोई खराब आलू भी हो तो उसको भी अलग कर दिया जाता है। जिसके चलते कंपनी मेढक वाली बात स्वीकार नहीं कर सकती। हम इस बारे में जांच करवाएंगे. हमारा उद्देश लोगों को हाईजेनिक चीज देना है।