हाल ही में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद से ना केवल राजनीतिक पार्टियां बल्कि चुनाव आयोग भी इसकी तैयारियों में जुट गया है। जहां एक ओर राजनीतिक पार्टियों की ओर से सीटों और उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की जा रही है। तो वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग भी चुनाव प्रचार के नियमों को लेकर सख्त होता नज़र आ रहा है।
देश की सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में भी तैयारियां जोरो पर हैं। इसी कड़ी में चुनाव आयोग की ओर से उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया और प्रचार को लेकर नियमों की एक लंबी सूची जारी कर दी गई है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सीईओ नवदीप रिनवा की ओर से एक निर्देश पत्र जारी किया गया है जिसमें लोकसभा चुनावों में प्रचार खर्च की सीमा समेत कई हिदायतें लिखी गई हैं। पत्र के मुताबिक, लोकसभा चुनावों में प्रचार खर्च की सीमा 95 लाख रुपये तय की गई है। इसके अलावा अगर किसी भी राजनीतिक दल को प्रदेश में चुनाव के प्रचार के लिए रैली या जुलूस निकालना है, तो उसके लिए पहले आयोग से अनुमति लेना अनिवार्य है।
इतना ही नहीं, आयोग की टीम ने साफतौर पर लिखा है कि सभा समारोह स्थलों की बुकिंग पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर ही की जाएगी। अगर किन्हीं दो पार्टियों को एक ही दिन किसी सभा स्थल की बुकिंग चाहिए होगी, तो उनमें से जो पार्टी बुकिंग पहले कराएगी उसे ही हरी झंड़ी दी जाएगी। वहीं प्रचार खर्च को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा ने निर्देश दिए हैं कि लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार खर्च की अधिकतम सीमा 95 लाख रूपये तय है, वहीं विधानसभा चुनाव के लिए ये खर्च सिर्फ 40 लाख रूपये तय किया गया है। इसके अलावा अगर कोई उम्मीदवार इस दौरान 10 हजार रूपये से ज्यादा का लेनदेन करता है तो उसे ये ट्रांजेक्शन बैंक के माध्यम से करना होगा। इसके अलावा निर्देश पत्र में सभी राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टियों को एक हफ्ते के अंदर स्टार प्रचारकों की लिस्ट, उनके दौरे और सभाओं का खर्च आदि की सूची भी जमा करने का आदेश दिया गया है। बता दें कि इन स्टार प्रचारकों के खर्च को भी प्रचार अभियान के बजट में ही शामिल किया जाएगा।
जरूरी बात यहां ये है कि राजनीतिक दलों द्वारा की जाने वाली रैलियों, जुलूसों और सार्वजनिक बैठकों समेत विभिन्न तरह के आयोजनों के लिए रिटर्निंग अधिकारियों की मंजूरी भी अनिवार्य रहेगी। आपको बता दें कि सभी राजनीतिक दलों को अगर वो चुनाव के लिए प्रचार के दौरान वाहनों और सहयोगियों समेत जुलूस या सार्वजनिक बैठक आदि करना चाहते हैं, तो उन्हें पहले रिटर्निंग अधिकारी की अनुमति लेनी होगी, बिना अनुमति के वो किसी भी तरह की गतिविधि नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से जारी किए गए निर्देश पत्र में सभी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र के साथ जमा किए गए अपने शपथ पत्र में ई-मेल आईडी और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी भरने के भी निर्देश जारी किए गए हैं।