बीते रविवार को चुनावी बॉन्ड को लेकर हो रही बातों पर पीएम मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने इस मुद्दे से भाजपा सरकार को झटका लगने वाली बात भी साफतौर पर खारिज कर दी है। उन्होंने कहा कि, कोई भी प्रणाली किसी भी तरह से सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर हंगामा करने वाले लोग आगे जाकर जरूर पछताएंगे।
दरअसल, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक टीवी इंटरव्यू के माध्यम से पहली बार चुनावी बॉन्ड को लेकर अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर आए हैं, इसलिए आज आप बता पा रहे हैं कि किसने-किसको कितना पैसा दिया है। आज आपको ये भी जानकारी मिल पा रही है कि ये पैसा किस तरह से दिया गया है। अगर आज इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं होता, तो आपको इस बारे में कभी पता नहीं चलता। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी सिस्टम परफेक्ट नहीं होता, कुछ कमियां भी हो सकती हैं, तो कुछ अच्छाईयां भी हो सकती हैं। लेकिन उन कमियों को दूर भी किया जा सकता है।
इंटरव्यू के दौरान रिपोटर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि क्या इस योजना के कोर्ट से खारिज होने को सरकार के लिए झटका माना जाए। इस पर प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि 2014 से पहले चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों को दिए गए पैसों का कोई हिसाब नहीं मिलता था। मुझे आप ये बताईये कि ऐसा क्या हुआ है जो आज ये माना जा रहा है कि ये मेरी सरकार के लिए एक बड़ा झटका है। मैं पक्का मानता हूँ कि जो लोग आज इस मुद्दे को लेकर लेकर नाच रहे हैं वो आगे जाकर खूब पछताने वाले हैं।
केंद्रीय एजेंसियों पर भी PM मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि ED एक स्वतंत्र एजेंसी है और स्वतंत्रता से काम भी कर रही है। ED के पास 7 हजार से भी अधिक मामले हैं। इसमें से 3 प्रतिशत से भी कम मामले राजनेताओं से जुड़े हुए हैं। मोदी के मुताबिक, जब अभी का विपक्ष सत्ता में था, तो बहुत कम पैसों की जब्ती की गई थी। हमारी भाजपा सरकार में 2200 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं। इसका मतलब यह है कि एजेंसियों का ऑपरेशन लीक नहीं हो रहा है। इसीलिए सब लोग पकड़ में आ रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि पैसो के बंडल जब्त किए जा रहे हैं। वॉशिंग मशीन तक के अंदर से कैश बरामद किया जा रहा है। पानी के पाइप, बिस्तर आदि में बंडल रखे जा रहे हैं। पीएम मोदी के मुताबिक, ‘एक कांग्रेस सांसद के पास से 300 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे। वहीं बंगाल में भी मंत्रियों के पास से पैसे जब्त किए गए। मुझे नहीं लगता कि हमारे देश के लोग यह सब बर्दाश्त करने के लिए तैयार हैं। 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को असंवैधानिक बताते हुए चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था।
आखिर चुनावी बॉन्ड है क्या?
चुनावी बॉन्ड एक तरह का वचन पत्र है। किसी भी भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं से इसकी खरीदी भारतीय नागरिक या कंपनी की ओर से की जा सकती है। यह बॉन्ड नागरिक या कॉरपोरेट कंपनियों की ओर से किसी भी राजनितिक दाल को दान करने का एक जरिया है।